ये रात की है तेरे नाम हमने,
तू जो बोले वो सच माना है..
तेरी एक मुस्कुराहट के खातिर,
दुनिया बदली है अपनी आज के लिए..
खुश हूँ मैं तुझे देख के,
खिलखिला रही है जो बे बात यूंही..
तेरी जुल्फों से खेलूँ,
तेरे गोद्द में सर रखू कभी,
कभी तू नाराज़ हो तो,
चूम लूँ तेरे होंट यूंही..
बस रात भर तुझे देखूँ,
जबतक तेरी खुशबू का नशा,
निगाहों को भारी न कर दे..
तुझे बाहों में समेट सौया रहूँ,
और हल्के से बोलूँ तेरे कानो में,
ये रात की है तेरे नाम हमने..
P.S.-I have written it from a guy's perspective.