ख्वाइशो की गीली चादर में लिपटे|
लहरों के मखमल स्पर्श में बंधे |
फरियाद छुपाए इन नैनो में,
रक्तिम इस पल में धड़कन रुकी |
वह कुछ अनकहे जस्बात थे,
ठहर गई थी सांसे |
ओझल सा हुआ बिखरता समा |
वह होंटो को छूके बहती इक गुज़ारिश,
अल्फाज़ो के दामन से लिपटी हुई,
हमसे बिछड उनसे मिलने चली |
इंतज़ार है हमे अब भी उस कसक के मिटने का,
इंतज़ार है हमे उस खलिश के भर जाने की ,
इंतज़ार है हमे उस एक कमी के पूरी होने की,
इंतज़ार है हमेशा हमे उनका..
6 comments:
"वह होंटो को छूके बहती इक गुज़ारिश,
अल्फाज़ो के दामन से लिपटी हुई,
हमसे बिछड उनसे मिलने चली |"
Wow, i love hindi because sometimes its just difficult to say these emotions in any other language.
LOvely post:))
Btw i took the tag you had given me, it is not written in proper manner but it does tell some things about me:))
have a lovely day sweetie:)
haaye, lambi judaai :D
Beautiful post.
Cheers,
Blasphemous Aesthete
intezaar hai un aankhon mein,
aur khwaishein kuch aisi,
phir shaama jalkar bhuje kaise
ke manzoor nahi tere ashq uss rab ko bhi....
:)
nice lines...beautiful...
@tarunima
Thanks dear :)
Will drop in soon to comment for your reply to the tag.
Wish the same for you!
@ Blasphemous Aesthete
:) :)
jaisa aap samjho
Thank you :) !
@Eon
And your complimenting them so very beautifully :)
thank you*
*Conditions apply :)
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